गोण्डा वजीरगंज दबंग दरोगा खाकी वर्दी को किया शर्मशार


 दबंग दरोगा कर रहा है खाकी को शर्मसार

सालू खान
गोण्डा।… यहां की हकीकत सुनाने लगेंगे , तो पत्थर भी आंसू बहाने लगेंगे….! शायर की ये पंक्तियां वज़ीरगंज थाने पर बिल्कुल स्टीक बैठती हैं, जहां रुपयों की चाह में कानून के रखवाले ही कानून को शर्मसार करने पर तुले हुए हैं। इन्हें न तो सीएम के सख्त निर्देशों का डर है और न ही अपने अधिकारियों का खौफ। तभी तो यहाँ पीड़ितों का न्याय रुपयों के तराजू में तौला जाता है, जिसके चलते पीड़ित आला हाकिमों से लेकर मुख्यमंत्री तक का दरवाजा खटखटाने को विवश हैं। इसके बाद भी यहां के पीड़ितों के लिए न्याय की डगर बहुत पथरीली सी है। 
      सीएम आदित्यनाथ योगी बिगड़े निज़ाम को पटरी पर लाने के लाख जतन और दावे कर लें,लेकिन हकीकत को झुठलाया नहीं जा सकता है। खासकर पुलिस महकमे की बिगड़ी कार्यशैली सीएम के दावे की पोल खोलने के लिए काफी है। ताजा मामला वज़ीरगंज थाना क्षेत्र का है,जहां तैनात एक दरोगा ने मुख्यमंत्री के फरमान को न सिर्फ़ ठेंगा दिखाने की हिमाकत की , बल्कि न्याय मुहैया कराने के नाम पर पीड़ित गरीब के पसीने की गाढ़ी कमाई के 6 हजार रूपये भी ले लिया। इससे यह साफ जाहिर होता है कि यहां योगी सरकार की  हनक नहीं, बल्कि ख़ाकी का ख़ौफ बोलता है, जहां इन्साफ के तराजू पर रुपयों का सौदा होता है। इतना ही नहीं रुपयों का चढ़ावा चढ़ाने के बाद भी पीड़ितों को बार बार थाने का चक्कर काटना पड़ता है।बावजूद इसके उनका दर्द थमने का नाम नहीं लेता और थकहार कर इन्हें आला हाकिमों के चौखट पर जाकर न्याय की झोली फैलानी पड़ती है।
हम बात कर रहे हैं वज़ीरगंज थाने में तैनात दरोगा के.के.सिंह की, जो कानून को अपनी जागीर समझ कर उससे खिलवाड़ कर रहे हैं। आइए ले चलते हैं वजीरगंज थाने के उदयपुर ग्रन्ट गांव, जहां के निवासी नंदलाल पिछले 15 दिनों से न्याय के लिए हल्का दरोगा के.के. सिंह का चक्कर लगाता आ रहा है, मगर न्याय आज भी उससे कोसों दूर दिखाई दे रहा है। पीड़ित नन्द लाल की 24 वर्षीय पुत्री का कहना है कि उसके पटीदार अर्जुन पुत्र सुंदर, भगवाने पुत्र झब्बर, राधेश्याम पुत्र स्व.छोटेलाल व झब्बर पुत्र स्व. छोटई से पुराना जमीनी विवाद चला ख रहा है। 29 मार्च को खुरपा चोरी हो जाने से पीड़ित की माँ घर पर बिना किसी का नाम लिए बड़बड़ा रही थी कि इसी बीच उपरोक्त लोग बहाना पाकर उसकी माँ पर टूट पड़े और पीड़ित व उसकी बहनों के साथ सभी को मारा पीटा। पीड़िता  का कहना है कि उसने तत्काल डायल 100 से संपर्क किया, जो मौके पर पहुँच कर दोनों पक्षों को तुर्काडीहा बुला ले गयी और वहां दोनों के बीच समझौता करा दिया गया। बावजूद इसके दबंगों का मन नहीं भरा और पीड़िता के अनुसार दिनांक 30 मार्च को जब उसके पिता तहसील तरबगंज किसी कार्यवश गए हुए थे कि इसी बीच वह घर पर अपने बहनों के साथ जब अकेली थी तो बेख़ौफ़ दबंगों ने उसे गाली देना शुरू कर दिया। विरोध करने पर सभी ने एकजुट होकर उसे दौड़ा कर पकड़ लिया और सभी ने मारना पीटना शुरू कर दिया। यह देख जब 18 वर्षीय पीड़िता व 14 वर्षीय पीड़िता वहां अपने बहन को बचाने पहुंचीं तो उनको भी बेलगाम लोगों ने पीटा। इस बीच जब पीड़िता छुड़ा कर भागने लगी तो विपक्षियों ने उसे दौड़ा लिया लेकिन लोगों के बीच बचाव से पीड़िता बच गयी। उक्त प्रकरण की तहरीर जब पीड़िता की माँ रन्नो ने थाने पर दी तो पुलिस ने दिखावा के लिए आरोपियों पर धारा 452, 354(बी), 323, 504,506 आई.पी.सी के तहत मुकदमा दर्ज़ तो किया, मगर आरोपी को चंद समय थाने पर रखकर छोड़ दिया गया, जिससे बेख़ौफ़ लोगों के हौंसले आज भी बुलंद हैं। पीड़ितों का कहना है कि हमें  बार बार मारने की धमकियां दी जा रही हैं।

न्याय की खातिर दरोगा ने लिया 6 हजार

दुश्वारियों के सैलाब में डूबे पीड़ित का कहना है कि न्याय की चाह में उसने हल्का दरोगा के.के सिंह को दो किस्तों में 2 हज़ार व 4 हज़ार के हिसाब से 6 हज़ार रुपये भी दिया। इंतिहा तो यह हझ कि रूपये देने के बाद भी अब तक न्याय नहीं मिला। पीड़ित का आरोप है कि उसने न्याय के लिए दरोगा द्वारा मांगे गये रूपये भी दे दिए, लेकिन इसके बावजूद उसे न्याय नहीं मुहैया कराया जा रहा है , बल्कि दरोगा द्वारा और भी रूपयों की डिमांड की जा रही है।

 अब सीएम का दरवाजा खटखटाएगा पीड़ित

पीड़ित का कहना है कि अगर विपक्षियों पर उचित कार्यवाही न हुई तो आये दिन हमें प्रताड़ित होना पड़ेगा, जबकि पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। अगर हमें न्याय न मिला तो हम सी.एम. की चौखट पर दर्द की दास्तान को बुलंद करेंगे।

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