पेट्रोल पम्पो द्वारा डीजल पेट्रोल में मिलावट तेल बितरड कम सरकार क्यों चुप है इस काला बाजारी को सरकार कैसे रोक थाम लगाएगी

पेट्रोल पंपों द्वारा डीजल पेट्रोल की घटतौली, मिलावट और कालाबाज़ारी, गैस ऐजंसियों द्वारा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत BPL परिवारों  को गैस कनेक्शन वितरण में हो रही अनियमितताओं को जिला प्रशासन संज्ञान में क्यों नही लेता ? दोषियों पर कार्यवाही क्यों नही हो रही?
आखिर क्यों
क्या कारण हैं
कौन सरंक्षण दे रहा है इन्हें

जनपद गोण्डा वासियों जैसा कि आप सब लोग जानते हैं, डीज़ल पेट्रोल की घटतौली  मिलावट एंव मानक के अनुरूप पेट्रोल पंपों पर सुविधावाओं के न होने की शिकायतों के मद्देनज़र पिछले एक हफ़्ते से उत्तरप्रदेश में प्रदेश स्तर पर पेट्रोल पंपो पर ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्यवाही की जा रही है, छापों के दौरान भारी संख्या में पेट्रोल पंपों पर अनियमितताएँ पाई गईं हैं। ग़ौरतलब है राजधानी लखनऊ जैसे शहर में ४० से उपर पेट्रोल पंपों पर एक विशेष प्रकार की चिप पकड़ी गईं हैं जिसके माध्यम से पेट्रोल और डीज़ल की घटतौली की जाती है। सोचिए जब प्रदेश की राजधानी में सरकार की नाक के नीचे ये हाल है तो हमारे गोण्डा जैसे पिछड़े जिले में क्या हाल होगा? जहाँ बाहुबलियों की समानांतर सरकारें चलती हैं!

सर्वविदित है कि हमारे यहाँ के पेट्रोल_पंप एंव गैस_ऐजंसी के मालिकान भी रसूखदार एंव राजनैतिक तबक़ों से ताल्लुकात रखते हैं, ऐसे में इनके द्वारा की जा रही घटतौली, मिलावट और अनियमितताओं की शिकायत एक आम नागरिक करने की हिम्मत नही जुटा पाता है, कई बार पेट्रोल पंपों एंव गैस ऐजंसियों पर मारपीट एंव कहासुनी की बातें अक्सर सामने आती रहती हैं, शहर क्षेत्र के दो चार संस्थानों को छोड़कर शिकायत पेटियाँ कहीं नहीं दिखतीं! मैं अपने अनुभव से बता सकता हूँ जनपद के लगभग सभी पेट्रोल पंप और गैस ऐजंसिया भ्रष्टाचार और कालाबाज़ारी की पर्यायवाची हैं, घटतौली कालाबाज़ारी, मिलावट से शायद ही पेट्रोल पंप और गैस ऐजंसी अछूती हो। पेट्रोल पंपों की घटतौली के विषय में मुझे नही लगता किसी को क़ुछ ख़ास बताने की ज़रूरत हो, मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि वाहन चलाने चलवाने वाला प्रत्येक व्यक्ति घटतौली का शिकार होता है।

आप लोगों को जानकर आश्चर्य होगा कि कैसरगंज सासंद बृजभूषण शरण सिंह अपनी कई जनसभाओं के दौरान प्रधानमंत्री_उज्जवला_योजना में वितरित हो रहे गैस कनेक्शनों में भारी अनियमितता एंव भ्रष्टाचार की बात सुनते और सुनाते रहते हैं, सासंद जी के सामने ही पात्र लाभार्थी गैस सिलेंडर दिलवाने के नाम पर ₹१००० - ₹२००० देने की बात क़बूलते हैं किसी के नाम का कनेक्शन किसी को दे देने की बातें हर गाँव में सुनने में आती रहती हैं। नई सरकार बनने के बाद एंव सासंद कैसरगंज की विशेष सक्रियता की वजह से इन मामलों में कमी तो जरूर आई है लेकिन प्रशासनिक सहयोग एंव जनजागरूकता की कमी के कारण गैस ऐजंसियों की मनमानी बंदरबाँट और भ्रष्टाचार पर अब तक पूरी तरह से क़ाबू नही पाया जा सका है।

गैस ऐजंसियों और पेट्रोल पंपों के कार्यव्यवहार, भ्रष्टाचार और बंदरबाँट से जिला-प्रशासन भी अनभिज्ञ नही है, मुझे नही पता की किसके दबाव में जिला प्रशासन इन काले धंधों के कारोबारियों के मज़बूत गठजोड़ की गाँठें खोलकर क्यों नही कार्यवाही कर पा रहा है ?
ऐसे में कई सवाल उठने लाज़िमी हैं, जबकि मौक़ा भी है और दस्तूर भी!

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