योगी सरकार के इस फैसले के खिलाफ मौलवियो ने खोला मोर्चा

गौरतलब है कि कल उत्तर प्रदेश सरकार कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली 2017 को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के लागू होने के बाद अब सभी वर्गो को पंजीकरण कराना जरूरी होगा।

उत्तर प्रदेश में मौलवियों ने गुरुवार को राज्य सरकार के सभी शादियों के पंजीकरण को अनिवार्य करने के फैसले को अनुचित करार दिया। दारुल उलूम देवबंद इस्लामिक स्कूल के मौलवियों ने इस कदम का सख्त विरोध किया और कहा कि यह पूरी तरह से नाजायज और गैरजरूरी है। मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि वह शादी के पंजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसे अनिवार्य बनाना धार्मिक आजादी के खिलाफ है। एक अन्य मौलवी मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी ने कहा कि यदि लोग शादी का पंजीकरण नहीं कराते हैं, तो सरकारी फायदे से लोगों को वंचित रखना अनुचित होगा।

लखनऊ के मौलवियों ने कहा कि मुस्लिम तबके के अशिक्षित और गरीब लोगों को पंजीकरण प्रक्रिया में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। इमाम अली असगर के अनुसार, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के आदेश दिए जा रहे हैं, जो साफ तौर पर किसी के धार्मिक अधिकारों का हनन है।

राज्य सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में सभी के लिए शादी पंजीकरण अनिवार्य किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इससे पहले समाजवादी पार्टी सरकार ने इसी तरह का एक प्रस्ताव पास करने की कोशिश की थी, लेकिन विपक्ष के विरोध पर वापस ले लिया था।

गौरतलब है कि कल उत्तर प्रदेश सरकार कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली 2017 को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के लागू होने के बाद अब सभी वर्गो को पंजीकरण कराना जरूरी होगा। मुस्लिमों को भी अपने निकाह का पंजीकरण कराना होगा। लेकिन इस पंजीकरण सुविधा की शुरूआत में अभी करीब 15 दिन का समय लग सकता है क्योंकि प्रदेश कैबिनेट से मंजूरी के बाद यह नोटिफिकेशन के लिये जायेगा। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद स्टांप और निबंधन विभाग इसका क्रियान्वयन करायेगा।

प्रदेश के महिला कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने विशेष बातचीत में कहा, ”सरकार का किसी धर्म के रीति रिवाज में दखल देने का कोई इरादा नही है। अगर मुस्लिम समाज के किसी व्यक्ति की एक से अधिक पत्नियां है तो उसे परेशान होने की जरूरत नही है। मुस्लिम व्यक्ति जब अपना विवाह पंजीकरण करायेंगे तो उनके पास चार विवाह तक पंजीकृत कराने का मौका होगा। उसके लिये उन्हें अलग अलग पंजीकरण फार्म भरने होंगे।”

उन्होंने कहा कि अगर किसी मुस्लिम व्यक्ति ने एक शादी अभी की है और दो साल बाद दूसरी शादी करता है तो अभी अपनी पहली शादी का पंजीकरण करा ले। बाद में जब दूसरी शादी करे तो तब दूसरी शादी का पंजीकरण करा लें। लेकिन अगर अभी तक वह एक से अधिक शादियां कर चुका है तो उसे अपनी हर शादी का पंजीकरण कराना होगा।

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