मायावती और केजरीवाल का बड़ा खुलासा EVM पर शक करना कोई अंधेरे में तीर नही है

बड़ा खुलासा...
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मायावती और केजरीवाल का EVM पर शक करना कोई अँधेरे में तीर नहीं है....इसके पीछे कारण है और सॉलिड कारण है....
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ये सभी EVM मशीनें गुजरात के गांधीधाम के इलेक्ट्रॉनिक जोन में स्थित एक कंपनी में बनी हैं....जिसका मालिक मोदी जी का सहपाठी है..ये ऑर्डर इस कंपनी को इसलिए मिला क्योंकि उसने सबसे कम बोली लगाई थी...टेंडर्स पहले से लीक कर दिए गए थे.....जयतिभाई नाम के इस कंपनी मालिक का कहना है कि इस डील में वो घाटे में रहे और मशीने लागत से कम मूल्य पर बेची गई.......आगे उन्होंने बताया कि इस घाटे की पूर्ती अम्बानी और अडानी मिलकर मिलकर कर रहे हैं.....मशीन में एक ख़ास चिप बिठाई गई है जिसकी प्रोग्रामिंग कुछ इस प्रकार है कि कमल के अलावा पड़ने वाला हर दूसरा वोट ऑटोमैटिकली कमल के खाते में चला जाता है.....इससे विरोधियों को आधे वोट्स पड़ते हैं जिससे कि शक की गुंजाइश कम हो जाती है...
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यू पी और उत्तराखंड में इन मशीनों का प्रयोग टेस्टिंग के तौर पर किया गया जबकि पंजाब में इनमें से एक भी मशीन नहीं भेजी गई...वहीँ मणिपुर और गोवा में नई और पुरानी दोनों तरह की मशीनों का प्रयोग हुआ ताकि इन मशीनों के परिणामों की विस्तृत जांच हो सके और वास्तव में परिणाम वैसे ही आये जैसे भाजपा चाहती थी....ये एक सोची समझी साजिश थी ताकि मिश्रित परिणामों के कारण लोगों का ध्यान मशीनों की ओर ना जाए.....
सोमनाथ में हुई मीटिंग के दौरान भी जयति भाई मौजूद था, नीले घेरे में खड़ा हुआ शख्स ही जयति भाई है।

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