कुपवाड़ा आतंकी हमले में शहीद कैप्टेन के पिता ने पूछा-कब तक बेटों को मरवाती रहेगी सरकार?
कुपवाड़ा आतंकी हमले में शहीद हुए कानपुर के कैप्टेन आयुष यादव और गमगीन परिजन
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में गुरुवार सुबह हुए फिदायीन हमले में कानपुर का एक लाल भी शहीद हो गया. कैप्टन आयुष यादव के घर जैसे ही उनके शहीद होने की खबर पहुंची पूरे घर में मातम फ़ैल गया.
कानपुर में तैनात सेना के कर्नल दुष्यन्त सिंह ने परिजनों को आयुष के शहीद होने की सूचना दी. आयुष के पिता अरुण कान्त यादव यूपी पुलिस में इस्पेक्टर है. वह इस समय चित्रकूट में तैनात हैं.
इकलौते बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही घर में कोहराम मचा है. बहन और मां का रू-रोकर बुरा हाल है. पिता को भी बेटे के शहीद होने का ऐसा सदमा लगा है कि मुंह से कुछ भी नहीं निकल रहा.
पिता अरुण ने कहा कि कल शाम को ही उसने फोन पर बात की थी और हम लोगों को कश्मीर घूमने के लिए बुलाया था. “मैंने कहा कि वहां पर पत्थर चल रहे है तो उसने हस्ते हुए कहा कि मैं कुपवाड़ा कैम्प में हूं, आप लोग क्यों चिंता करते हो?
पितां ने रोते हुते सरकार से एक सवाल भी पूछा, “आखिर कब तक ऐसे ही सैनिक मरवाते रहोगे? मैंने तो अपना बेटा खो दिया.”
गौरतलब है कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक सैन्य शिविर पर गुरुवार तड़के हुए आत्मघाती हमले में तीन जवान शहीद हो गए, जबकि पांच अन्य घायल हो गए. इस दौरान हमलावर दो आतंकवादी भी मारे गए. इस हमले में दो गैर-कमीशन जवान भी शहीद हुए हैं जबकि पांच जवान घायल हैं जिनका इलाज चल रहा
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