रामपुर/सूबे के क़द्दवर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री मौहम्मद आज़म ख़ां ने शराब को लेकर जो विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है उस पर अपने चिरपरिचित अंदाज़ में जवाब दिया है।
आज़म खान ने कहा कि 80 प्रतिशत दुकाने सीधे या टेढ़े, डायरेक्ट या इनडायरेक्ट नेताओ की है या तो अपने नामो पर है या अपनों के नामो पर है अपने गिरेबानो में मुँह डालकर देख ले सब ।
महिलाओं के विरोध करने पर बोलते हुए कहा कि वो यह विरोध कर रही है कि इनको खोलने की जगह गलत है इबादत गाहो के पास स्कूलों के पास ऐसी जगहों पर नहीं होने चाहिए दरअसल यह जो शराब की दुकानें है यह डी एम की कोठी के चारो तरफ होनी चाहिए एस पी की कोठी के चारो तरफ होनी चाहिए सी एम ओ की कोठी के एक्ज़ीक्यूटिव की कोठी के चारो तरफ होनी चाहिए यह ऐसे इलाको में होनी चाहिए यह मोहल्लों में गांव में बस्तियों में नहीं होनी चाहिए बड़े अधिकारियो के जैसे कमिशनर है आई जी है डी आई जी है इनकी कोठियों की दीवारों से लगे हुए शराब खाने अगर होंगे तो उनकी भी हिफाज़त होगी और शराब लेने वाले भी वही लोग आयेंगे जो जेनुवल होंगे तो इनको दिए ज़रूर जाये लेकिन इन बड़े अधिकारियो के संरक्षण में और इन्ही की दीवारों से लगी होनी चाहिए जो रेवेन्यू मिलता है वो रेवन्यू तो नहीं खोया जा सकता लेकिन वो जगह तो बहुत सुरक्षित होनी चाहिए और इससे ज़्यादा सुरक्षित जगह नहीं हो सकती ।
यही न रुकते हुए उन्होंने कहा कि औरते शराब खानों को बंद करने की बात कह रही है शराब को बंद करने वाली बात नहीं कह रही है अगर शराब को बंद किया जायेगा तो रामपुर डिस्टलरी का क्या होगा शराब अगर बंद करना है तो सबसे पहले बड़े कारखाने बंद होना चाहिये उसके बाद छोटे कारखाने बंद होना चाहिए अब यह बड़े कारखाने वाले तो देखिये यह तो सरकारे बनाते है
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