सालू खान
न्याय का गला घोंट रही डायल 100, आरोपी से रूपये लेकर पीड़ित से जबरन कराया सुलह
गोण्डा।
डायल 100 का, जो पीड़ित को न्याय मुहैया कराने के बजाय दबंगों से मिलकर जेब गरम करती है और जबरन सुलहनामा लिखाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है तरबगंज थाना क्षेत्र के रानीपुर छिटिक पुरवा का, जहां के एक व्यक्ति को अनावश्यक मारापीटा गया और शिकायत पर पहुंची डायल 100 ने आरोपी पक्ष से रूपये लेकर जबरन सुलहनामा लिखवा लिया। इतना ही नहीं, जब पीड़ित ने कार्रवाई का दबाव बनाया तो उससे कहा गया कि विधायक के गांव का मामला है, इसलिए इसमें कुछ नहीं होगा !
मामला 11 मई का है। तरबगंज थाना क्षेत्र के रानीपुर के मजरा छिटिक पुरवा निवासी राजन के पड़ोस में लड़की की शादी थी। पड़ोसी होने के नाते वह उनका सहयोग कर रहा था। इसी बीच गांव का ही दबंग एवं नशेड़ी प्रवृत्ति का राम सुरेमन भी वहां पहुंच गया। आरोप है कि उस समय वह जो नशे में था। पहुंचते ही उसने राजन को भद्दी भद्दी गालियां देनी शुरू कर दी। इसका जब राजन ने विरोध किया तो वह आपा खो बैठा और लपककर उसका गिरेबान पकड़ लिया। आरोप है कि राजन को जान से मारने की नीयत से उसका गला दबा दिया। वह किसी तरह शोर मचाने में कामयाब हो सका। बचाओ – बचाओ की आवाज सुनकर लोग दौड़े और नशे में धुत राम सुरेमन को वहां से मार पीटकर भगा दिया गया। इसके बाद राजन ने इसकी तहरीर तबगंज थाने में दी। इस बीच उसी दिन शाम को सुरेमन ने डायल 100 पर कॉल कर पुलिस को बुला लिया और उल्टा राजन पर ही मारने पीटने का आरोप लगाने लगा। बताया जाता है राम सुरेमन ने 2000 रूपये डायल 100 को देकर मामला रफा – दफा करने की बात कही। इस पर पीड़ित राजन को ही डायल 100 के पुलिसकर्मी डरा धमका कर जबरन सुलहनामा लिखवा लिए और तय रकम लेकर चले गए।
मारपीट की इस घटना की तहरीर तरबगंज पुलिस को दिए 4 दिन बीत गए, लेकिन आज तक कोई पुलिसकर्मी झांकने तक नहीं आया। इससे साफ पता चलता है कि तरबगंज थाने में न्याय कितना महंगा है।बताया जाता है कि आज एक सिपाही आया और वह राजन के घर गया। वहां उसने साफ शब्दों में कहा कि विधायक जी का गांव है, इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि आरोपी से रूपये ऐंठना था तब विधायक जी की दुहाई नहीं दी गयी थी, लेकिन जब दबंग के विरुद्ध कार्रवाई की बात आयी तो विधायक का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ा जा रहा है। यह कैसी विडंबना है ? सरकार बदल गई, जिले के हाकिम बदल गये, लेकिन तरबगंज पुलिस और डायल 100 का रवैया नहीं बदला, शायद इसीलिए इस सरकार में भी गरीबों, पीड़ितों, शोषितों और आम आदमी के लिए न्याय की डगर बहुत कंटीली है।
Comments
Post a Comment