सालू खान
वज़ीरगंज थाने में दम तोड़ देती है फरियादियों के न्याय की उम्मीद !
यहां रूपये के तराजू में तौला जाता है न्याय
अदालतों की तरह तारीख पर तारीख देती है पुलिस
गोण्डा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के हजार जतन कर लें और नवागत पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार सिंह बेलगाम पुलिसकर्मियों के नकेल लगाकर बिगड़े निज़ाम को पटरी पर लाने की लाख कोशिशें कर लें, लेकिन फिलहाल वज़ीरगंज थाने की POLICE सुधरने वाली नहीं है। उसने जैसे पुराने ढर्रे पर ही चलने की कसम खा रखी है ! ये मित्र पुलिस अपने क्रिया कलापों से सरकार व पुलिस प्रशासन को शर्मिंदा करने से बाज नहीं आ रही है। यहां की पुलिस कानून का पालन करने के बजाय, उसकी धज्जियाँ उड़ाने में अपनी शान समझती है। कानून से खिलवाड़ करने के कारण आये दिन पुलिस पर उंगलियां उठती रहती हैं। अभी पिछले दिनों बेलगामी के कारण ही यहां तैनात दरोगा प्रमोद कुमार अग्निहोत्री को एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया है। इसके बाद भी खाकी सुधरने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस की बेलगामी का आलम यह है कि वह हर मामले की कीमत वसूल करती है।यानी, जिसकी जितनी कीमत, उसको वैसा न्याय ! ऐसे में फरियादियों की न्याय की उम्मीद टूटकर बिखर जाती है।
न्याय की आस में सुबह से शाम, आज से कल और कल से आज के चक्कर में उनकी उम्मीदें दम तोड़ जाती हैं। इसके बाद भी उन्हें मिलता है सिर्फ आश्वासन और साथ में एक नयी तारीख ! लेकिन इंतिहा ये है कि इतना सब कुछ होने के बाद भी न्याय नहीं मिल पाता है। तारीखों के फेर में उलझकर मायूस हो फरियादी सब भगवान भरोसे छोड़कर या तो खामोशी की चादर ओढ़ कर घर बैठ जाता है या फिर आला हाकिमों के दरवाजे पर दस्तक देने को मज़बूर हो जाता है।
केस संख्या -1 : क्षेत्र के नौशेरा गाँव निवासी नंगा यादव चिल्लाता रह गया। फरियाद करता रहा, पर उसकी एक न चली। दबंगों ने पुलिस की मदद से उसकी गन्ना लगी फसल को जोतवा दिया।
केस संख्या – 2 : क्षेत्र के उदयपुर ग्रंट के रहने वाले जानकी प्रसाद को फर्जी शिकायत पर बाग के जमीन के कागजात दिखाने के बहाने बुलाकर थाने के बेलगाम दरोगा प्रमोद कुमार अग्निहोत्री ने उससे रूपए ऐंठने के चक्कर में हवालात में डाल दिया। पीड़ित लाख रोया – गिड़गिड़ाया पर दरोगा ने उसकी एक न सुनी और उससे 25 हजार रुपए ले लिया। इससे सम्बंधित समाचार ‘इंडिया ए टू ज़ेड न्यूज़’ ने पीड़ित के ऑडियो के साथ लगाया, जिसे तेज तर्रार POLICE अधीक्षक उमेश कुमार सिंह ने गंभीरता से लिया और घूसखोर दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया।
केस संख्या 3 : अभी हाल के एक मामले में पुरानी रंजिश के चलते एक स्थानीय पत्रकार व उसके चिकित्सक भाई के ऊपर क्लीनिक से घर आते समय गाँव के ही कुछ दबंगों ने हमला कर दिया।
वज़ीरगंज थाने का बेलगाम दरोगा सुदामा लाल
इस सम्बंध में थाने में मुकदमा पंजीकृत हुआ। दस दिन बीत जाने के बाद POLICE कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि पीड़ित पत्रकार थाने का चक्कर पर चक्कर लगाता आ रहा है। आरोप है कि विवेचक आरोपियों से मिला हुआ है, जो कार्रवाई के बारे में पूछने पर सीधा रटा – रटाया जवाब देता है कि देख लेंगे, जबकि आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं तथा पीड़ित व उसके परिवार को धमका रहे हैं। इससे पीड़ित और उसका परिवार दहशतजदा है।चर्चा तो यह है कि दरोगा ने आरोपियों को बचाने के लिए हल्के के सिपाही के साथ मिलकर उनसे मोटी रकम ले ली है। वैसे, वजह चाहे जो भी हो, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के इतने दिनों बाद भी आरोपी दबंगों के ऊपर कोई कार्यवाही न होना, कहीं न कहीं पुलिस के ऊपर सवाल जरूर खड़े कर रही है ?
वज़ीरगंज थाना क्षेत्र में ऐसे तमाम मामले हैं, जिनमें पीड़ित न्याय की तलाश में थाने और नेताओं के चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन न्याय है कि उनसे दूर भागती है। दरअसल, यहां रूपये के तराजू में न्याय को तौला जाता है। शायद यही वजह है कि गरीबों को न्याय मिलना मुहाल है।
गोण्डा के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार सहालांकि इस बाबत पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार सिंह काफी सख्त हैं। उनका कहना है कि पीड़ितों की समस्याओं का निराकरण करते हुए उन्हें त्वरित और सुलभ न्याय मुहैया कराना POLICE का दायित्व है। इस सम्बंध में निर्देश दिए जा चुके हैं। ऐसे में यह तय है कि कर्तव्यों के प्रति लापरवाही वे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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