सालू खान
अमित शर्मा, नई दिल्ली/नोएडा। मथुरा में हुए सनसनीखेज डबल मर्डर से योगी सरकार सकते में है। कानून-व्यवस्था के मसले पर अखिलेश सरकार को सबसे ज्यादा घेरने वाले ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के पास आज इस बात का कोई जवाब नहीं है कि अगर समाजवादी पार्टी के शासनकाल में सिर्फ सपा के कार्यकर्ता ही गुंडागर्दी कर रहे थे तो इस समय कौन है जो पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहा है।
दरअसल योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री जैसा अहम पद संभालने वाले श्रीकांत शर्मा भाजपा की केन्द्रीय टीम में राष्ट्रीय सचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता का पद संभालते थे। अखिलेश सरकार को कानून-व्यवस्था के मसले पर सबसे ज्यादा घेरने वाले श्रीकांत शर्मा ही थे। उन्होंने बार-बार यह साबित करने की कोशिश की थी कि अखिलेश सरकार में हुई आपराधिक वारदातें सपा के कार्यकर्ता अंजाम दे रहे हैं। मथुरा के जवाहर बाग में हुए हत्याकांड में तो उन्होंने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर ये बताया कि ये ‘जनसंहार’ अखिलेश की चुप्पी और शिवपाल यादव के सह के कारण हुआ।
आज की स्थिति ये है कि श्रीकांत शर्मा के प्रभाव वाले क्षेत्र में ही शाम के समय आधा दर्जन अपराधियों ने एक आभूषण की दूकान पर धावा बोल दिया। भारी मात्रा में सोने-नकदी की लूट के आलावा अपरधियों ने गोलियां भी चलायी। जिनमें दो लोगों की मौत हो गयी। इतनी बड़ी वारदात होने के बावजूद श्रीकांत शर्मा के पास इसका कोई जवाब नहीं है कि ये अपराधिक वारदातें क्यों हो रही है। और इन्हें रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है। आज व्यापारियों ने मथुरा बंद का ऐलान किया है और खुद कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा राज्य के डीजीपी के साथ मथुरा के दौरे पर हैं। वे आश्वासन दे रहे हैं कि अपराधियों को जल्दी से जल्दी पकड़ लिया जाएगा। लेकिन इस क्षेत्र की जनता सरकार से उखड़ी हुई है।
व्यापारियों का कहना है कि वे पहले भी हत्याओं के बाद आश्वासन पाते रहते थे और आज भी हालत वैसे ही बने हुए हैं। इनका सरकार से सवाल है कि आखिर इन अपराधियों पर रोक कब लगेगी, इस घटना में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी।
दरअसल कानून-व्यवस्था ही वह मसला था जिस पर अखिलेश सरकार प्रदेश की जनता के बीच सबसे अधिक बदनाम हुई थी। अखिलेश अपने पूरे कार्यकाल में एक दब्बू मुख्यमंत्री बनकर रह गए और वे अपराधियों पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाए। यही कारण था कि बिहार के बाद लोग उत्तर प्रदेश को भी जंगलराज की संज्ञा देने लगे थे। मीडिया ने भी इस मामले को बड़ी ही प्रमुखता के साथ उठाया था। भाजपा सरकार ने वादा किया था कि सरकार बनते ही अपराधी राज्य के बाहर होंगे।
सरकार बनने के बाद योगी आदित्यनाथ के प्रशासन पर कड़ा रुख अपनाने के बाद जनता को यही उम्मीद बंधी थी कि सम्भवत: अब हत्याओं की घटना देखने को कम मिलेगी। लेकिन जिस तरह से प्रदेश में लगातार आय दिन हत्याएं हो रही हैं उससे प्रदेश की जनता में ये विश्वास बिलकुल नहीं बना है कि योगी आदित्यनाथ के आने के बाद प्रदेश में कोई भी प्रशासनिक परिवर्तन हुआ है। अपराधी पहले की ही तरह बेलगाम साबित हो रहे हैं। हलांकि योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर कड़ा रुख अपनाया है, उससे एक बार फिर उम्मीद बंधती नजर आ रही है। लेकिन जल्दी ही ये उम्मीद हकीकत में तब्दील न हुई तो यह समस्या योगी सरकार के लिए बड़ा संकट साबित हो सकती है
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