सालू खान
सीएम का आदेश थानेदार के ठेंगे पर, नहीं दर्ज कर रहे एफआईआर
सालू खान
गोण्डा। परसपुर में खाकी का इक़बाल खत्म हो गया है ! यह बात दावे के साथ कही जा सकती है, क्योंकि यहां अपराधी मस्त हैं और पुलिस पस्त। पुलिस की निष्क्रियता के चलते ही अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं। आलम यह है कि एक सप्ताह के भीतर बेखौफ अपराधियों नें लूट, छिनैती, चोरी व जानलेवा हमले सहित अन्य बड़े अपराधों को अंजाम दे डाले, लेकिन
परसपुर थानाध्यक्ष देवेंद्र पांडेय
पुलिस इन सभी मामलों में कार्रवाई के नाम पर अब तक फिसड्डी ही साबित हुई है। आलम यह है कि पीड़ितों को थाने पर न्याय नहीं मिल पा रहा है। परसपुर पुलिस पहले तो घटित अपराधों को दर्ज ही नहीं करती है और यदि किसी जोर दबाव में दर्ज भी कर ली तो उनका खुलासा नहीं कर सकी और न ही कोई निरोधात्मक कार्रवाई की।
केस संख्या – एक : चार मई की रात्रि ग्राम राजापुर निवासी प्रधान जायसवाल की स्पेलेण्डर बाइक चोरों ने भौरीगंज पसका तिराहा स्थित दुकान के बाहर से उड़ा दी। पीड़ित थाने का चक्कर लगाता रहा और पुलिस टरकाती रही।
केस संख्या – दो : सात मई को ग्राम प्यौली के पूरे बिलन्द गांव में एक तिलक समारोह के दौरान दबंगों ने पुरानी रंजिश में पिता – पुत्र को पीटा और बाइक फूंक दी। पुलिस ने बमुश्किल रमेश सिंह की तहरीर पर गांव के प्रधान सहित चार लोगों के विरूद्ध फायरिंग एवं जानलेवा हमला करने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। कार्रवाई के नाम पर अब तक सिफर है और पीड़ित भयभीत।
केस संख्या – तीन : चौदह मई को बाइक सवार बदमाशों ने तमंचे के बल पर चरसडी़ बंधे पर परसपुर के सर्राफा व्यवसाई गोमती प्रसाद सोनी से लाखों रुपयों के सोने चांदी से भरे बैग छीनकर फरार हो गए।
POLICE ने मीडिया में खबर आने पर केस तो दर्ज किया, पर लुटेरे पुलिस पकड़ से दूर हैं।
केस संख्या चार : पंद्रह मई को बाइक सवार बदमाशों ने पसका मार्ग पर मुनीम सिंह नामक एक फेरी वाले की पिटाई कर उससे तीन हजार रुपए लेकर भाग निकले। पीड़ित ने बताया कि पुलिस को सूचना दी गयी, लेकिन रिपोर्ट नहीं दर्ज की गयी। वह कानपुर जनपद के थाना तेजकमल घाटमपुर का रहने वाला है और फेरी कर कपड़े बेचने का काम करता है।
केस संख्या पांच : बाइस मई को परसपुर के गोरछान पुरवा निवासिनी सुनीता को उसके पति ने मारपीट कर घर से भगा दिया। वह अपने तीन बच्चों को लेकर थाने जाकर तहरीर दी परन्तु पुलिस सुनवाई को कौन कहे उल्टा उसे ही फटकार कर थाने से भगा दिया। पीड़िता का कहना है कि वह थाने का एक सप्ताह से चक्कर काट रही है, लेकिन पुलिस कल आने की बात कहकर टरका देती है। उसका कहना है कि परसपुर पुलिस के इस तानाशाही रवैये से वह तंग आ चुकी है
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