सीएम सर ! सपाई गुण्डे से मुझे बचा लीजिए प्लीज़ !
उधारी मांगने पर दबंग सपा नेता ने किया हमला, आरोपी को संरक्षण दे रही सिविल लाइन पुलिस
कानून के रखवाले ही कर रहे मुज़रिम की हिफाज़त, साठगांठ कर पीड़ित पर ही दर्ज करा दिया छेड़खानी का फर्जी मुकदमा
ए.आर.उस्मानी
इटावा। निजाम बदला, अधिकारी बदले, उनके काम करने का तरीका भी बदला, लेकिन इटावा जिले की सिविल लाइन पुलिस आज भी नहीं बदली है। वह पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। हद तो यह है कि सिविल लाइन पुलिस खुलेआम सीएम योगी आदित्यनाथ के फरमान को ताक पर रखकर पीड़ितों की हिफाज़त करने और उन्हें न्याय मुहैया कराने के बजाय अपराधियों का साथ देकर रुपये कमाने का घृणित खेल खेल रही है और खाकी पर डंके की चोट पर खुलेआम बदनुमा दाग लगा रही है। पीड़ितों को इन्साफ दिलाने के बजाय यहां का बेखौफ़ थानेदार खुद ही शासन की मंशा पर पानी फेरने वाले भ्रष्ट सफेदपोश नेताओं के इशारे पर नाच रहा है।
खाकी से सौदागर बने तानाशाह पुलिस वालों की घृणित दास्तान अगर देखनी है तो आइए इटावा जिले के थाना सिविल लाइन, जहां अपराधियों से ही मिलकर पुलिस पीड़ित को इंसाफ देने के बजाय उल्टे उसे ही फंसाने में लगी हुई है और पीड़ित इन्साफ के लिए दर – दर भटक रहा है।
S P के सभासद सौरभ शुक्ला के सताये हुऐ संजय कुमार दूबे का दर्द
पुलिस और अपराधियों की साठगांठ को उजागर करने वाला यह मामला है इटावा के बैजल कालोनी का। यहां के निवासी संजय कुमार दूबे पुत्र इंदु प्रकाश दूबे इस गठजोड़ के शिकार बन गये हैं। संजय दूबे का कहना है कि उन्होंने कुछ वर्ष पहले जसवंत नगर निवासी समाजवादी पार्टी के सभासद सौरभ शुक्ला को 15 लाख रुपये कर्ज़ के तौर पर दिया था। रूपया वापस मांगने पर उसकी जान पर बन आयी। संजय का आरोप है कि उसके बेटे व बेटी को कई बार आरोपी सौरभ शुक्ला ने गाड़ी से रौंद कर मारने की कोशिश की। इतना ही नहीं, वह पूरे परिवार को मिटा देने की भी धमकी देता रहता है। अपने राजनीतिक रसूख के मद में चूर सपा नेता सौरभ शुक्ल ने सिविल लाइन पुलिस को भी खरीद रखा है। शायद यही कारण है कि वह अपने विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों के बाद भी खुलेआम बेखौफ होकर घूमता है और पीड़ित संजय दूबे को परिवार सहित खत्म कर देने की धमकी देता रहता है।
बताते चलें कि पीड़ित संजय दूबे के काफी मशक्कतों के बाद आरोपी सौरभ शुक्ल पर पुलिस ने बीते तीन सालों में क्राइम नम्बर- 221/015, 700/015, 352/016, 139/017 व 236/017 के तहत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज़ तो किया, मगर ये सारे मुक़दमे सरकारी कागजों में ही क़ैद होकर रह गए हैं। दबंग सपा नेता पर मेहरबान बेलगाम पुलिस ने कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझा। परिणाम स्वरुप ऊँची पहुँच के कारण थाने में मामला दर्ज़ होने के बावजूद पुलिस उससे कतराती रही। और तो और, पीड़ित ने आला हाकिमों को दिए प्रार्थना पत्र में यह भी दर्शाया है कि आरोपी दबंग सपा नेता को गिरफ्तार करने के बजाय खाकी को शर्मसार करते हुए पुलिस उसके साथ बैठकर शराब भी पीती है। पीड़ित संजय दूबे की दर्द भरी दास्तान यहीं ख़त्म नहीं होती है। पीड़ित के अनुसार दिनांक 6 मई 2017 को जब वह सिविल लाइन में थाना दिवस से होकर आवश्यक कार्य हेतु व्यापार कर कार्यालय जा रहे थे। उसी बीच रास्ते में अपने साथियों के साथ पहले से ही घात लगाकर बैठे आरोपी शौरभ शुक्ल आदि ने उस पर जानलेवा हमले का प्रयास किया, लेकिन वहां अचानक डायल 100 के पहुँच जाने से वह भागकर अपनी जान बचाने में कामयाब हो गया। तत्पश्चात जब पीड़ित अपनी पत्नी के साथ इस घटना की एफआईआर दर्ज कराने के लिए सिविल लाइन थाने पर पहुंचा तो इसकी सूचना कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा विपक्षी सपा नेता सौरभ शुक्ल को दे दी गयी। पुलिस की साठगांठ से आरोपी ने यहीं से पीड़ित को फर्जी मुकदमों में फंसाने का चक्रव्यूह रच डाला।
आरोपी ने पत्नी को बनाया मोहरा !
एसओ से मिलकर पीड़ित को फर्जी मामलों में फंसाने व रुपयों को हज़म करने के लिए आरोपी सौरभ शुक्ला ने अपनी पत्नी को ही मोहरा बना डाला। हद तो तब हो गयी जब पीड़ित संजय दूबे को फंसाने के लिए पुलिस को ‘खरीद’ कर उस पर छेड़खानी का मुकदमा दर्ज़ करवा दिया, तभी से यहाँ की बिकाऊ पुलिस अपराधियों को पकड़ने के बजाय पीड़ित को ही परेशान कर रही है। जबकि दबंग अपराधी के हौंसले इस कदर बुलंद हैं कि वह बार – बार उसे धमकी देता रहता है। इंतिहा तो तब हो गयी, जब पुलिस से मिलकर अपने रसूख का लोहा मनवाने वाले सपा नेता ने यहां तक कह दिया कि तुम कहीं भी जाओ, मेरा कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है। पुलिस को अपनी मुट्ठी में रखने वाला यह शातिर और दबंग सपा नेता सरकार की सख्ती के बावजूद आज़ाद पंक्षी की तरह घूम रहा है और पुलिस उसकी जी – हुजूरी में पलकें बिछा रही है।
खाकी को नहीं है खौफ !
इटावा के सिविल लाइन थाने की पुलिस पूर्णतय: बेलगाम हो चुकी है और कानून को फुटबाल बनाकर उससे खेल रही है। एसओ, सीओ और एसएसपी से लेकर आईजी जोन तक सिर्फ आश्वासन का घूँट ही पिला रहे हैं, जबकि जिलाधिकारी व सीएम के समक्ष भी प्रकरण का हवाला दिया जा चुका है। सीएम योगी आदित्यनाथ बार – बार अपराधियों के साथ सख्ती बरतते हुए जेल की सीखचों में डालने का फरमान जारी कर रहे हैं, लेकिन पुलिस उनके हुक्म को कोई तरजीह नहीं दे रही है, क्योंकि वह पूरी तरह बेलगाम हो चुकी है। ऐसे में आम आदमी का सरकार और पुलिस से विश्वास उठना लाजिमी है !
मुख्यमंत्री आवास पर अनशन करेगा पीड़ित
पीड़ित संजय दूबे
अगर पुलिस वालों का घृणित खेल यूँ ही बरकरार रहा, उसे न्याय न मुहैया कराया गया और उसके मान – सम्मान से खिलवाड़ होता रहा तो पीड़ित का कहना है कि वह शीघ्र ही पूरे परिवार के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठने को बाध्य होगा।
दोषी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे पुलिस : रागिनी तिवारी
रागिनी तिवारी
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा कानपुर की जिलाध्यक्ष श्रीमती रागिनी तिवारी ने मांग की है कि आपराधिक छवि के सपा नेता सौरभ शुक्ला के विरुद्ध प्रशासन और पुलिस सख्त से सख्त कार्रवाई करे, जिससे लोगों का पुलिस और न्याय व्यवस्था से भरोसा न उठने पाए। उन्होंने कहा कि संजय दूबे बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। सौरभ शुक्ल सपा नेता है। वह पिछली सरकार में भी कानून और पुलिस को बैकफुट पर रखता था और इस सरकार में भी पुलिस को अपने इशारों पर नचाने का दुस्साहस कर रहा है। श्रीमती तिवारी ने मांग की है कि सरकार इसे संज्ञान में ले और कानून तथा पुलिस से आंखमिचौली करने वाले सौरभ शुक्ल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, जिससे पीड़ित भाजपा नेता संजय कुमार दूबे को न्याय मिल सके। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि संजय दूबे अथवा किसी अन्य निर्दोष को फर्जी मुकदमे में फंसाने की पुलिस व आरोपी सौरभ की कोई भी कोशिश को अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
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