सालू खान
New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के बाद पति द्वारा पत्नी को दिए जाने वाली भरण-पोषण रकम तय कर दी है।
अदालत ने कहा है कि तलाक के बाद पति को अपनी मूल तनख्वाह का 25 प्रतिशत हिस्सा तलाकशुदा पत्नी को देना होगा और यह बिल्कुल सही होगा।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार जस्टिस आर भानुमति और एमएम संतनागौदर की बैंच ने भरण-पोषण की इस रकम में कटौती करते हुए कहा कि महिला को इतनी रकम मिल सके जिससे वो अपना गुजारा कर सके लेकिन तलाक के बाद पुरष पर भी उसके नए परिवार की जिम्मेदारी होती है।
अदालत ने यह मानक पश्चिम बंगाल के हुगली के एक मामले को लेकर जारी सुनवाई में तय किया और इसके साथ ही केस में पति को आदेश दिया कि वो अपनी 97 हजार की तनख्वाह से 20 हजार अपनी पत्नी को दे। हालांकि इससे पहले कोलकाता हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि इसे अपनी पूर्व पत्नी को 23 हजार देने होंगे लेकिन इसे ज्यादा बताते हुए इस शख्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
अदालत ने कहा, पति की नेट सैलरी का 25 प्रतिशत उसकी पूर्व पत्नी को दिया जाना चाहिए। महिला को दी गई स्थायी भत्ते की राशि पार्टियों की स्थिति और पति या पत्नी के रखरखाव का भुगतान करने के लिए उपयुक्त होना चाहिए।
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