लखनऊ. मुख्यमंत्री (सीएम) योगी आदित्यनाथ गोरखपुर और उपमुख्यमंत्री (डिप्टीसीएम) केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी से चुनाव लड़ेंगे। दोनों के सांसद होने के बावजूद सीएम व डिप्टीसीएम बनने का मामला हाई कोर्ट पहुंचने के बाद भाजपा नेतृत्व ने यह फैसला लिया है। योगी गोरखपुर शहर व केशव सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और योगी सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्रियों के किसी भी सदन का सदस्य न होने का मामला हाईकोर्ट तक पहुंचने के बाद अब ये तय हो गया है कि योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अपनी संसदीय सीट से इस्तीफा देने के बाद फिर से चुनाव लड़ेंगे। बताते चलें कि समाजसेवी संजय शर्मा की ओर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जवाब तलब किया है।
कोर्ट ने पूछा है कि योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्या सांसद रहते हुए एक साथ मुख्यमंत्री और उपमुख्मंत्री पद पर कैसे रह सकते हैं? कोर्ट के रुख को भांपते हुए बीजेपी आलाकमान भी हरकत में आ गया है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या जल्द ही गोरखपुर व फूलपुर संसदीय सीटों से इस्तीफा देंगे और विधानसभा चुनाव लड़कर सदन में पहुंचेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल होने वालों को शपथग्रहण के छह माह के भीतर विधानसभा या विधान परिषद की सदस्यता हासिल करना अनिवार्य है।
पहला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे योगी
योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से चार बार सांसद रह चुके हैं और यह पहला मौका होगा जबकि वह विधानसभा चुनाव मैदान में होंगे। अब तक वह अपने लोगों को ही विधानसभा चुनाव लड़ाते रहे हैं। उनके लिए कई विधायकों ने अपनी सीट छोडऩे की पेशकश भी की है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पहले विधानसभा चुनाव लड़कर जीत चुके हैं। वहीं दूसरे उपमुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा भी कभी उत्तर प्रदेश विधानमंडल का हिस्सा नहीं रहे हैं। वैसे योगी से पहले अखिलेश यादव व मायावती भी मुख्यमंत्री बनते समय किसी सदन के सदस्य नहीं थे किन्तु उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के स्थान पर विधान परिषद के रास्ते विधानमंडल का हिस्सा बनना श्रेयस्कर समझा। इसके विपरीत योगी जनता में सकारात्मक संदेश देने के लिए विधानसभा चुनाव के जरिये ही सदन में जाना चाहते हैं।
राधामोहन छोड़ सकते हैं अपनी सीट
गोरखपुर शहर सीट पर बीजेपी से तीन बार विधायक रहे डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल योगी आदित्यनाथ के लिए अपनी सीट छोड़ सकते हैं। पिछले दिनों एकआईपीएस अधिकारी से विवाद के बाद चर्चा में हआए राधामोहन के इस्तीफा देने के बाद योगी इस सीट पर चुनाव लड़ेंगे। माना जा रहा है कि योगी की खाली की गयी गोरखपुर संसदीय सीट से राधामोहन चुनाव मैदान में उतरेंगे। राधामोहन पहली बार 2002 में योगी की हिंदू युवा वाहिनी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं। उस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी शिवप्रताप शुक्ल को हार का मुंह देखना पड़ा था।
सिराथू से जीत चुके हैं केशव
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से 2012 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के बाद उन्होंने सिराथू सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद हुअ उपचुनाव में इस सीट पर भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा। तब समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी वाचस्पति यहां से जीते थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा के शीतलाप्रसाद जीते। माना जा रहा है कि शीतलाप्रसाद अब विधानसभा से इस्तीफा देंगे, ताकि केशव प्रसाद मौर्य यह सीट जीत सकें।
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