गोरखपुर में फूंका गया CM योगी का पुतला, जानिए क्या है कहानी

गोरखपुर. सहारनपुर में दलितों पर हमले, एकतरफा पुलिसिया कार्यवाही और दंगाइयों को सरकारी संरक्षण देने का आरोप लगाकर शनिवार को पूर्वांचल सेना और अम्बेडकरवादी छात्रसभा ने प्रदर्शन किया। साथ ही युवाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रतीकात्मक पुतला दहन भी किया। प्रदर्शन कर रहे युवाओं का आरोप था कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही दलित उत्पीड़न चरम पर पहुंच गया है। योगी ने जाति विशेष को खुली गुंडई की छूट दे रखी है।
इस दौरान डॉ. राजेश यादव ने कहा की सहारनपुर में हमले करने वालों पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करने और इस दमन का विरोध करने वाली भीम आर्मी के युवाओं पर कार्यवाही करने से स्पष्ट हो जाता है कि योगी सरकार ने सहारनपुर में प्रयोजित दंगा करवाया और दलितों पर हमले के लिए दंगाइयों को खुली छूट दी। उन्होंने कहा कि बहुजनों के ऊपर हर हमले का जनता जवाब देगी।

डॉ. एस अकमल ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी की राजनीति दंगो पर ही चलती है। उन्होंने कहा कि ये साम, दाम, दंड, भेद अपनाकर लगातार बहुजनों के हक अधिकार छीनने का प्रयास कर रहे हैं और जो इसके खिलाफ आवाज उठता है उसे ये देहद्रोही, आतंकी, नक्सली घोषित कर मिटाने का प्रयास करते हैं। सहारनपुर में भीम आर्मी के युवाओं ने इनके उत्पीड़न का प्रतिकार किया तो अब ये उसपर भी बैन लगाने की बात कर रहे हैं

डॉ. हितेश सिंह सैथवार ने कहा कि देश में ईवीएम घोटाला, गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसी मूलभूत समस्यओं से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के प्रयोजित दंगे कराए जा रहे है। लेकिन हम इस बात को समझते है और हम सरकार को देश की मूलभूत समस्याओं को याद दिलाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सहारनपुर पीड़ितों को न्याय नहीं मिला तो आंदोलन उग्र होगा, जिसकी जिम्मेदारी योगी सरकार की होगी।
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विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्वान्चल सेना के अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप व अम्बेडकरवादी छात्रसभा के अध्यक्ष अमर सिंह पासवान में संयुक्त रूप से किया। इस दौरान सोनू सिद्दार्थ, संदीप मानकर, अमित कुमार, कमलेश यादव, विजय शर्मा, अरुण मद्देशिया, सौरव अहिरवार, करुणेश अग्रहरि, श्रवण कुमार, सुरेंद्र वाल्मीकि, ब्रिजेह चंद, विष्णु गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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