कुवैत में रहने वाले भारतीयों के लिए एक बुरी खबर हैं। क्योंकि कुवैत सरकार द्वारा उनके लिए जल्द ही नया फरमान जारी किया जा सकता है।
जिसके तहत भारतीय वहां नहीं रह सकेंगे। दरअसल, वहां की सरकार विदेशियों की संख्या कम करने की कवायद शुरू करने वाली है। एक सांसद ने विदेशी कामगारों को देश में 10 साल से ज्यादा रहने की इजाजत नहीं देने की मांग की है।
सांसद सफा अल हासम का कहना है कि नौकरियों में विदेशियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार को कुवैतियों के हित में यह निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा, सरकार को चाहिए कि वह कुवैत में रह रहे विदेशियों को अपने सगे-संबंधियों को यहां लाने से रोके।
उन्हें केवल अपने माता-पिता को लाने की इजाजत मिलनी चाहिए और उनके स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं पर खर्च होने वाली राशि भी उन्हें खुद वहन करनी चाहिए। देश में विदेशियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। विभिन्न नौकरियों में इनकी संख्या कुवैतियों से तीन गुना अधिक है।
ऐसे में सरकार को चाहिए कि बड़ी-बड़ी कंपनिया जो बाहर से लोगों को काम के लिए बुलाती हैं, उनकी फीस 100 फीसद बढ़ा देनी चाहिए। एक रिपोर्ट के अनुसार कुवैत की आबादी करीब 44 लाख है। इसमें 31 लाख लोग रोजगार के लिए दूसरे देशों से वहां आए हैं। जबकि मात्र 13 लाख लोग कुवैती हैं।
विभिन्न देशों के करीब छह लाख लोग कुवैत में घरेलू सहायक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कुवैत में रहने वाले भारतीयों में केरल और तमिलनाडु के लोगों की संख्या ज्यादा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार एक जनवरी 2013 तक कुवैत में 6,81,288 भारतीय थे।
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