सालू खान
पीएन तिवारी बनाए गए मोतीगंज के नये थानाध्यक्ष
लूट की दो चर्चित घटनाओं का खुलासा और हत्या कर फेंकी गई लाश की गुत्थी सुलझाने की चुनौती
गोण्डा। चार दिन बाद मोतीगंज थानाध्यक्ष पद पर हुई नयी तैनाती। पी.एन.तिवारी को मिली कमान। एक माह में यहां ताश के पत्तों की तरह फेंटे गये थानेदार। परमानंद तिवारी के बाद मुकेश कुमार सिंह बनाए गए थे थानाध्यक्ष। एक माह के भीतर ही इन्हें परसपुर भेजकर देवेन्द्र कुमार पाण्डेय की की गयी थी तैनाती, लेकिन उनका गैर जनपद तबादला होने के बाद खाली हो गई थी थानाध्यक्ष की कुर्सी। आज शाम पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार सिंह ने पी.एन.तिवारी को मोतीगंज का नया थानाध्यक्ष बना दिया।
इनके सिर पर लूट की दो चर्चित घटनाओं के खुलासे की जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा हत्या कर फेंकी गई एक अज्ञात लाश की गुत्थी सुलझाने की भी चुनौती होगी। बता दें कि मोतीगंज क्षेत्र में एक बैंक की फ्रेंचाइजी के संचालक से बदमाशों ने तीन लाख दस हजार रुपये लूट लिए थे। दिनदहाड़े हुई इस दुस्साहसिक वारदात के खुलासे के लिए पुलिस हाथ पैर मार रही थी कि बेलगाम बदमाशों ने एक युवक से असलहे के बल पर बाइक लूट ली और फरार हो गए। इस घटना के बाद थानाध्यक्ष परमानंद तिवारी को हटा दिया गया और मुकेश कुमार सिंह को मोतीगंज थाने की कमान सौंप दी गयी। वे भी खुलासा के लिए जाल बिछाए ही थे कि उन्हें हटाकर परसपुर भेज दिया गया और वहां से देवेन्द्र पाण्डेय को मोतीगंज का थानाध्यक्ष बना दिया गया। श्री पाण्डेय लूट की घटनाओं के खुलासे के लिए कुछ करते उससे पहले ही उन्हें भी बुक कर दिया गया। उनका बलरामपुर तबादला हो गया, जिससे वे 22 जुलाई को ही चले गये। चार दिन से खाली चल रही थानाध्यक्ष की कुर्सी पर आज पीएन तिवारी की तैनाती कर दी गयी। इनके सिर पर जिम्मेदारियों का बोझ है
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