सालू खान
सीएम के आदेश को ठेंगा दिखा रहा मनकापुर कोतवाल !
रूपयों के आगे कोतवाल को नहीं सुनाई देती है पीड़ितों की दर्द भरी आवाज़
सालू खान
गोण्डा। सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिला सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए सख्त आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि महिलाओं को सम्मान दिया जाए तथा इनके उत्पीड़न आदि की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए न्याय मुहैया कराना सुनिश्चित किया जाय। सीएम का यह भी हुक्म था कि महिला उत्पीड़न की घटनाओं को गंभीरता से न लेने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाय। उनका यह फरमान सूबे में कहीं और भले ही अमल में लाया गया हो, लेकिन गोण्डा की मनकापुर कोतवाली पुलिस इसे ठेंगा दिखा रही है। यहाँ रूपयों को माँ – बाप समझने वाला बेलगाम कोतवाल पीड़ित महिलाओं को सुरक्षा और न्याय मुहैया कराने के बजाय दबंगों से मिलकर खुलेआम उनकी दुश्वारियों को बढ़ाने का काम कर रहा है। इंतिहा तो यह है कि पुलिस अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी कानून से खिलवाड़ करने वाले कोतवाल के हिमायती बने हुए हैं। ऐसे में सवाल उठना लाज़िमी है कि जब कानून के रखवालों का यह हाल है, तो पीड़ित महिलाओं को न्याय कहाँ से मिलेगा और ये किस हाकिम की चौखट पर जाकर न्याय का दामन फैलाएंगी ?
शासन का सख्त आदेश है कि पीड़ितों को त्वरित न्याय मिले। खासकर महिलाओं की सुरक्षा के प्रति पुलिस सजग और सतर्क रहे। मगर जहाँ रुपयों को ही माँ बाप समझने वाले बेखौफ पुलिस वाले महत्वपूर्ण कुर्सी पर विराजमान हों, वहां न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है ? हालत यह है कि कोतवाली और थानों में पीड़ित महिलाओं को न्याय मिलना मुहाल है, जिससे उन्हें न्याय की तलाश में दर – दर भटकना पड़ रहा है। इसकी एक नज़ीर है जिले की मनकापुर कोतवाली, जहां कानून के तराजू में न्याय को तौला जाता है ! इसका जीता जागता प्रमाण एक बार फिर तब देखने को मिला, जब मनकापुर कोतवाली अंतर्गत ग्राम देवरिया निवासिनी पूनम देवी पत्नी सतीश कुमार को 13 जून 2017 को सुबह तड़के करीब 5 बजे उस वक़्त दबंगों ने घर में घुस कर बुरी तरह से मारापीटा, जब उसके परिजन बाहर सौच के लिए गए हुए थे। पीड़िता का आरोप है कि घर में अकेली पाकर विनय कुमार उर्फ विजय कुमार, ध्रुव नारायण उर्फ आफत पुत्रगण भवानी प्रसाद, रणजीत पुत्र विनय कुमार व संतोषी देवी पत्नी विनय कुमार ने उसे जमकर मारा पीटा। वह तीन माह की गर्भवती है। चोट लगने से उसकी हालत काफी खराब हो गयी। पीड़िता ने मनकापुर कोतवाली जाकर प्रकरण की तहरीर दी। उसे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उपचार हेतु भेजा गया, जहाँ नाजुक हालत देखते हुए चिकित्सक ने गोण्डा के लिए रिफर कर दिया।
जिला महिला अस्पताल में डाक्टर बनी हैवान
पीड़िता को जब 14 जून को दर्द की सिसकियों के साथ महिला अस्पताल लाया गया, तो डाक्टर ने न तो उसे एडमिट किया और न ही उसका इलाज किया, बल्कि सारा दिन बाहर बिठाए रखा और इंसानियत को तार – तार करते हुए दूसरे दिन आने को कहा, जबकि दबंगई की शिकार महिला दर्द से तड़पती रही। जब पीड़िता दूसरे दिन अस्पताल पहुंची तो फिर उसे बाहर बैठाया गया और 2 बजे उससे कहा गया कि अब कल आना, तुम्हारा अल्ट्रासाउंड किया जाएगा। इस तरह पीड़िता जब तीसरे दिन वहां पहुंची तो उसका अल्ट्रासाउंड करके यह बताया गया की जाओ, तुम बिल्कुल ठीक हो और दिखावे के लिए कुछ दवाईयां दे दी गयीं।
पीड़िता पहुंची मुख्यमंत्री के जनता दरबार
पीड़िता जब घर पहुंची तो उसकी हालत बिगड़ने लगी। इसी बीच घर वालों ने उसे आनन – फानन में मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुँचाया, जहाँ मुख्यमंत्री के आदेश पर पीड़ित महिला को वीरांगना झलकारी बाई महिला अस्पताल हजरतगंज लखनऊ में भर्ती कराया गया, जहाँ 6 दिनों तक उसका इलाज चलता रहा। पीड़िता ने इसकी शिकायत अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देवीपाटन मंडल गोण्डा, डीआईजी व उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग से की है। उसका कहना है कि अगर शीघ्र न्याय न मिला तो वह एक बार फिर सीएम योगी आदित्यनाथ के दरबार में पहुंचकर न्याय की फरियाद करेगी।
महिला ने डीआईजी से की शिकायत, दबंगों से मिला हुआ है कोतवाल !
मनकापुर के चर्चित कोतवाल दद्दन सिंह
दबंगई की शिकार महिला का आरोप है कि मनकापुर कोतवाल दद्दन सिंह विपक्षियों से मिले हुए हैं। दबंगों से रूपए लेकर कोतवाल ने पीड़ित पक्ष के विरूद्ध ही विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है। उसका आरोप है कि दबंग उसे जानमाल की धमकी दे रहे हैं, जबकि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इसकी शिकायत उसने डीआईजी से मिलकर की है। डीआईजी ने पीड़ित महिला को हरहाल में न्याय का भरोसा दिया है।
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