चोटी कटने के रहस्य अब भी है बरकरार भयभीत है महिलाये

सालू खान

अब भी बरकरार है चोटी कटने का रहस्य, भयभीत हैं महिलाएं



 वजीरगंज और मोतीगंज में हुई चोटी कटने की वारदात
गोण्डा। मुँहनोचवा व कच्छा बनियाइन गिरोह से भयमुक्त होने के बाद अब चोटी कटने को लेकर वजीरगंज और मोतीगंज क्षेत्र के लोगों में भी भारी दहशत देखने को मिल रही है। खासकर रात्रि के समय महिलाओं की साँसें नियंत्रित न होकर उखड़ने लगती हैं, जो भय के चक्रव्यूह में सहम कर जीवन गुजार रही हैं।

        चोटी कटने की डरावनी चर्चाओं का बाजार दिल्ली एनसीआर, हरियाणा व पश्चिमी यू.पी. के बाद अब पूर्वी यूपी के गोण्डा के इलाकों के साथ साथ वजीरगंज और मोतीगंज क्षेत्र में भी काफी जोरों पर है, जहाँ महिलाओं के दिन का चैन व रात की नींद सातवें आसमान पर जा चुकी है।

      चर्चा के मुताबिक वजीरगंज क्षेत्र उदयपुर ग्रन्ट निवासी त्रिभवन की 25 वर्षीय पुत्री सीमा की चोटी कटने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। बताया जाता है कि उसकी चोटी तब कटी जब वह सो रही थी। इसी तरह मोतीगंज क्षेत्र के बनकटी सूर्यबली सिंह के मजरा जोलहटी में 15 वर्षीय सबरून निशा पुत्री मो0 अली की चोटी तब अचानक खुद बा खुद कट गयी, जब वह सुबह 4.15 बजे घर की सफाई कर रही थी। चर्चा है कि कटी चोटी देखकर वह बेहोश हो गयी। उसका अब भी इलाज चल रहा है।

आखिर कौन खेलता है यह घृणित खेल ?

         चोटी कटने को लेकर कई चर्चायें हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इन चोटियों को एक विशेष प्रकार का कीड़ा काटता है। तो कुछ लोगों का कहना है कि कोई अदृश्य चमत्कारी साया है, जो कभी बिल्ली, तो कभी इंसान बन जाता है। बावजूद इसके आज तक इसकी सच्चाई का रहस्य अभी बरकरार है। आखिर यह खेल कौन खेलता है ? यह सियासत का खेल है या तांत्रिक के तंत्र का मायाजाल ? अथवा दैवीय शक्ति ? यह सवाल लोगों को मथ रहा है।

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