सालू खान
गोण्डा(डेस्क):गोंडा में सहायक अध्यापक पद की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे शिक्षामित्रों ने रविवार को पांचवे दिन कलेक्ट्रेट से दीवानी कचेहरी तक जुलूस निकाला और नारेबाजी की। जुलूस निकाल रहे शिक्षामित्र अचानक गोंडा लखनऊ हाईवे पर लेट गए और सड़क जाम कर दी। इस स्थिति से जिला प्रशासन के अफसर सकते में आ गए।
प्रशासन की मान मानौव्वल के शिक्षामित्र रास्ते से हटे। इसके बाद शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।
सहायक अध्यापक पद से समायोजन निरस्त होने के बाद जिले के 3269 शिक्षामित्र अपनी नौकरी की बहाली की मांग को लेकर सड़क पर हैं और जिला पंचायत के सामने अनवरत धरना प्रदर्शन कर अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
आंदोलन के पांचवे दिन रविवार को बड़ी संख्या में शिक्षामित्र जिला पंचायत सभागार के सामने चल रहे धरनास्थल पर पहुंचे और अपने साथियों के साथ बैठकर रणनीति तैयार की। दोपहर बाद करीब एक बजे धरना दे रहे शिक्षामित्र सड़क पर उतर आए और प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। इसके बाद शिक्षामित्रों का हुजूम कलेक्ट्रेट से अंबेडकर चौराहे की तरफ चल पड़ा।
हाईवे पर बीच सड़क पर लेट गए
नारेबाजी करते हुए शिक्षामित्र अबंडकर चौराहा होते हुए दीवानी कचेहरी के गेट पर पहुंचे और गोंडा लखनऊ हाईवे पर बीच सड़क पर लेट गए। इससे सड़क पर जाम लग गया और दोनो तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई।
सड़क जाम देखकर जिला प्रशासन के अफसरों के हाथ पांव फूल गए। काफी देर तक मान मनौव्वल के बाद शिक्षामित्र माने और दीवानी कचेहरी होते हुए फिर से धरनास्थल तक पहुंचे। यहां आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के मीडिया प्रभारी अवधेश मणि मिश्रा ने कहा कि प्रदेश की सरकार पर शिक्षामित्रों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
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