सालू खान
डीएम साहब ! सख्ती के बावजूद कर्जमाफी सत्यापन में काजीदेवर का लेखपाल खुलेआम कर रहा वसूली
सीहागांव में तैनाती के दौरान 50 हजार घूस मांगने के आरोप में सस्पेंड हुआ था हीरामणि
गोण्डा। राज्य सरकार की कर्जमाफी योजना में सत्यापन के नाम पर अवैध वसूली करने सदर तहसील के दो लेखपालों के निलम्बन के बाद भी बेलगाम लेखपाल अपनी लूट खसोट की हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। अब सदर तहसील का ही एक और लेखपाल अवैध वसूली को लेकर चर्चा में आया है। इसकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई है। गोण्डा की सदर तहसील के ग्राम देवरहा में तैनात लेखपाल ने गांव के पप्पू जायसवाल से रिपोर्ट लगाने के लिए रूपये की मांग की थी। इसी तरह तेंदुआ चौखड़िया के लेखपाल ने बलराम यादव से रिपोर्ट लगाने के लिए 500 रूपये की मांग की थी। जागरूक किसानों ने इसकी शिकायत क्षेत्रीय विधायक विनय कुमार द्विवेदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की। इस पर प्रमुख सचिव गृह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम जे.बी.सिंह को कार्रवाई के निर्देश दिए। फिर क्या था, डीएम के हरकत में आते ही दोनों भ्रष्ट लेखपाल सस्पेंड कर दिए गए और उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया। गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है। इस बड़ी कार्रवाई के बाद भी बेलगाम और आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे लेखपाल अवैध वसूली से बाज नहीं आ रहे हैं। अब ताजा मामला सदर तहसील के ही काजीदेवर, बिरवा बभनी और तकिया - खुटेहना गांव का सुर्खियों में आया है। इन गांवों में तैनात लेखपाल हीरामणि मिश्रा पर आरोप है कि वह सत्यापन के नाम पर खुलेआम 500 रूपये की अवैध वसूली कर रहा है। खुटेहना गांव के आधा दर्जन से अधिक किसानों ने बताया कि उक्त लेखपाल कर्जमाफी सत्यापन के लिए डंके की चोट पर पांच - पांच सौ रुपये वसूलता है। न देने पर हैसियत प्रमाण पत्र, हिस्सा प्रमाण पत्र आदि की मांग करता है। इसी तरह बिरवा बभनी के भी किसानों का आरोप है कि हल्का लेखपाल हीरामणि मिश्रा 500 रूपये लेता है। यहां की एक महिला ने इसकी लिखित शिकायत भी की है।
ग्राम पंचायत काजीदेवर में भी उल्टी गंगा बह रही है। यहां के करीब दर्जनभर किसानों ने बताया कि लेखपाल हीरामणि मिश्रा राज्य सरकार की कर्जमाफी योजना के सत्यापन के लिए हैसियत प्रमाण पत्र व हिस्सा प्रमाण पत्र की मांग करता है। किसानों द्वारा जब कहा जाता है कि ये सब कागजात बैंक में लगने के बाद ही केसीसी बनता है, तब वह दबंगई पर उतर आता है और साफ शब्दों में कहता है कि या तो 500 - 500 रूपये दो, अन्यथा सारे प्रमाण पत्र लाकर दो तभी सत्यापन करूंगा ! किसानों द्वारा लेखपाल के इस करतूत की शिकायत की गयी है। कुछ किसानों ने तो सशपथ शिकायत दर्ज कराई है। लेखपाल के इस तानाशाही रवैये से किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
* 50 हजार रूपये घूस मांगने के आरोप में सस्पेंड हुआ था हीरामणि मिश्रा
कर्जमाफी सत्यापन के लिए 500 - 500 रूपये वसूलने वाला लेखपाल हीरामणि मिश्रा वरासत के लिए विधवा से 50 हजार रुपए घूस मांगने के आरोप में सस्पेंड हुआ था। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत सीहागांव में तैनाती के दौरान लेखपाल हीरामणि मिश्रा ने जगदेव गौतम के भाई की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी के नाम वरासत लगाने के लिए 50 हजार रुपए की मांग की थी। इसकी शिकायत कमिश्नर व डीएम से की गई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय समिति गठित कर जांच करायी गयी, तो आरोप सही पाया गया। इस पर तत्कालीन एसडीएम ने उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। इस मामले में आरोपी लेखपाल हीरामणि के खिलाफ मोतीगंज थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था।
Comments
Post a Comment