सालू खान
ऊंट के मुंह में जीरा के समान है बाढ़ पीड़ितों को दी जा रही राहत सामग्री
गोण्डा। बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बाढ़ प्रभावित जैतपुर माझा के सोहनपुरुवा के बृहस्पति व सालिगराम के छप्पर के घर जहां सरयू नदी में कटकर समा गये, वहीं इसी गांव के करीब आधा दर्जन घर कटान की जद में आ गये हैं। केन्द्रीय जल आयोग अयोध्या के आफिस का तीन बजे का जलस्तर 93.350 स्थिर है। फोरकास्ट भी इतना ही रहने का अनुमान है। स्थिर जलस्तर से बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों की धड़कनें बढ़ गयी हैं।
बाढ़ प्रभावित गांव जैतपुर माझा के सोहनपुरुवा के दो घर नदी के कटान में समा गये, वहीं जानकीपुरुवा मजरे के बाबूराम, गोदावरी व राजू तथा सोहनपुरुवा के ही महेश, विजय, राजा, रमापति व आशाराम के घर कटान की ज़द में आ गये हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। जैतपुर माझा गांव के लेखपाल विष्णु देव सिंह ने बताया कि सोहनपुरुवा निवासी बृहस्पति व सालिकराम के छप्पर के घर गुरुवार को नदी में समा गये हैं। इन लोगों की रिपोर्ट एसडीएम तरबगंज को भेज दी गयी है। वहीं इसी मजरे के महेश, विजय, राजा, रमापति व आशाराम के घर भी कटान की जद में आ गये हैं। केन्द्रीय जल आयोग अयोध्या ने बताया कि तीन बजे का सरयू का जलस्तर 93.350 है। पूर्वानुमान भी इतना ही रहने की उम्मीद है। बाढ़ प्रभावित लोगों को पहले से सरकारी सहायता दी जा रही है, पर यह सरकारी सहायता बाढ़ प्रभावितों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ कर स्थिर हो गया है। नदी के घटते बढ़ते जलस्तर से माझावासियों की बेचैनी बढ़ गयी है। बाढ़ क्षेत्र के दुर्गागंज, माझाराठ, दुल्लापुर, जैतपुर, तुलसीपुर माझा, साकीपुर, गोकुला,दत्तनगर,ब्यौदा माझा, ब्यौदा उपरहर, नकहरा, सेमरा शेषपुर, इंदरपुर सहित करीब दो दर्जन गांवों के लोग बाढ़ का पानी बढ़ने की खबर से फिर दहशत में आ गये है
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