परमार्थ निकेतन में मासिक धर्म स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति महिलाओं को जागरूक करने हेतु बैठक का आयोजन*
Sk news उत्तर प्रदेश
*ऋषिकेश, 13 जुलाई।*
परमार्थ निकेतन में मासिक धर्म स्वच्छता और सुरक्षा विषय पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, डब्ल्यू एस. एस. सी. सी. के श्री विनोद मिश्रा जी एवं अन्य उच्चाधिकारी गण आदि के साथ एक बैठक सम्पन्न हुुई। जिसमें विशेष रूप से मासिक धर्म, बेटियों की शिक्षा, शिक्षा को हाँ बाल विवाह को ना, स्वस्थ्य जैसे विषयों पर चर्चा की गयी। इसके पहले भी दोनों संगठनों ने मिलकर जल, स्वच्छता और पर्यावरण के क्षेत्र में अनेक बैठकों एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया है।
डब्ल्यू एस. एस. सी. सी. (जल आपूर्ति एवं स्वच्छता सहयोग परिषद) यह संगठन संयुक्त राष्ट्र सदस्यता संगठन है, जो दुनिया भर में कमजोर और हाशिये पर रहने वाले लोगोें के लिये स्वच्छता, स्वास्थ्य और लिंग समानता हेतु वैश्विक स्तर पर कार्य कर रहा है।
आज की बैठक में यह चर्चा की गयी कि परमार्थ निकेतन ऋषिकेश, में ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस के माध्यम से ट्रेनिंग आॅफ द ट्रेनर्स तैयार किये जायेंगे जो देश के अन्य राज्यों में जाकर मासिक धर्म सुरक्षा और स्वच्छता के बारे में महिलाओं को जागरूक करेंगे। इस हेतु अगस्त माह में प्रशिक्षण दिया जायेगा। तत्पश्चात दूसरे चरण में सभी धर्माें यथा हिन्दु, सिख, बौद्ध, जैन, मुस्लिम, क्रिस्चियन और ब्रह्मकुमारी आदि धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ता बहनों को प्रशिक्षित किया जायेगा ताकि वे अपने धर्म के अनुयायियों को अधिक विश्वास के साथ मासिक धर्म सुरक्षा और स्वच्छता के बारे में बता सके जिसका प्रभाव भी स्थायी होगा।
मासिक धर्म के प्रति जागरूकता को बेटी और हर नारी तक पहुंचाने हेतु छः महीने का लक्ष्य रखा गया है। आगामी छः माह के अन्तर्गत उपरोक्त पांच धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा और इस प्रकार इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का विस्तार करने, इसे आगे बढाने का लक्ष्य रखा गया है ताकि बेटियों की सुरक्षा और सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा सके।
मासिक धर्म के प्रति पर्याप्त जानकारी न होने के कारण आज जो लड़कियाँ स्कूल छोड़ देती है, मानसिक प्रताड़ना का शिकार होती है तथा आज भी बेटियों को माता या अपनी शिक्षिका से इस बारे में सही जानकारी प्राप्त नहीं होती इसमे यह प्रशिक्षण अत्यंत प्रभावी होगा। 21 सदी में भी हमारे देश में मासिक धर्म जैसे विषयों पर लोग अपनी चुप्पी नहीं तोड़ते जिससे हमारी बेटियों को इधर-उघर से आधी अधूरी जानकारी प्राप्त होती है यही सदियों से चला आ रहा है। जबकि देखा जाये तो मासिक धर्म के बारे में हर बेटियों को पूरी जानकारी होनी चाहिये तभी वह अपना ध्यान रख सकती हैं और सुरक्षित भी रह सकती हैं। कहीं न कहीं मासिक धर्म की अधूूरी जानकारी होने से यौन अपराध में भी बढ़ोतरी हो रही है अगर हम अपनी बेटियों और बेटों को घर में ही इस विषय की सही जानकारी प्रदान करे तथा उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करे तो उन्हें इस जानकारी हेतु अन्यत्र खोजना नहीं पड़ेगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भारत में महिलाओं के लिये आज भी शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। वर्तमान समय में भारत के कुछ राज्य ऐसे है जहां पर महिलाओं का शिक्षा प्रतिशत उत्कृष्ट है परन्तु कुछ राज्य ऐसे भी है जहां पर महिलाओं के लिये शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत है।
स्वामी जी ने कहा कि अगर नारियां शिक्षित और स्वस्थ होगी तभी स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है। समाज को अगर सशक्त करना है तो महिलाओं को शिक्षित करना जरूरी है। उन्होने नारी शक्ति का आह्वान करते हुये कहा बेटियां किसी से कम नहीं हैं, अपने आप को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनायें और देश की प्रगति में अपना योगदान प्रदान करें।
प्रयागराज कुम्भ मेला के दौरान परमार्थ निकेतन, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के तत्वाधान में, डब्ल्यू. एस. एस. सी. सी. और यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से, महिला और बाल विकास विभाग, उत्तरप्रदेश सरकार के प्रयासों से बाल विवाह को समाप्त करने के लिये ’’शिक्षा को हाँ बाल विवाह को ना’’ हेतु व्यापक स्तर पर हस्ताक्षर अभियान आयोजित किया गया था। इस अभियान को गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल किया गया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और डब्ल्यू. एस. एस. सी. सी. के उच्चाधिकारियों ने विश्व स्तर पर जल की आपूर्ति हेतु वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की।
उत्तर प्रदेश से
सालू खान की रिपोर्ट
*ऋषिकेश, 13 जुलाई।*
परमार्थ निकेतन में मासिक धर्म स्वच्छता और सुरक्षा विषय पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, डब्ल्यू एस. एस. सी. सी. के श्री विनोद मिश्रा जी एवं अन्य उच्चाधिकारी गण आदि के साथ एक बैठक सम्पन्न हुुई। जिसमें विशेष रूप से मासिक धर्म, बेटियों की शिक्षा, शिक्षा को हाँ बाल विवाह को ना, स्वस्थ्य जैसे विषयों पर चर्चा की गयी। इसके पहले भी दोनों संगठनों ने मिलकर जल, स्वच्छता और पर्यावरण के क्षेत्र में अनेक बैठकों एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया है।
डब्ल्यू एस. एस. सी. सी. (जल आपूर्ति एवं स्वच्छता सहयोग परिषद) यह संगठन संयुक्त राष्ट्र सदस्यता संगठन है, जो दुनिया भर में कमजोर और हाशिये पर रहने वाले लोगोें के लिये स्वच्छता, स्वास्थ्य और लिंग समानता हेतु वैश्विक स्तर पर कार्य कर रहा है।
आज की बैठक में यह चर्चा की गयी कि परमार्थ निकेतन ऋषिकेश, में ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस के माध्यम से ट्रेनिंग आॅफ द ट्रेनर्स तैयार किये जायेंगे जो देश के अन्य राज्यों में जाकर मासिक धर्म सुरक्षा और स्वच्छता के बारे में महिलाओं को जागरूक करेंगे। इस हेतु अगस्त माह में प्रशिक्षण दिया जायेगा। तत्पश्चात दूसरे चरण में सभी धर्माें यथा हिन्दु, सिख, बौद्ध, जैन, मुस्लिम, क्रिस्चियन और ब्रह्मकुमारी आदि धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ता बहनों को प्रशिक्षित किया जायेगा ताकि वे अपने धर्म के अनुयायियों को अधिक विश्वास के साथ मासिक धर्म सुरक्षा और स्वच्छता के बारे में बता सके जिसका प्रभाव भी स्थायी होगा।
मासिक धर्म के प्रति जागरूकता को बेटी और हर नारी तक पहुंचाने हेतु छः महीने का लक्ष्य रखा गया है। आगामी छः माह के अन्तर्गत उपरोक्त पांच धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा और इस प्रकार इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का विस्तार करने, इसे आगे बढाने का लक्ष्य रखा गया है ताकि बेटियों की सुरक्षा और सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा सके।
मासिक धर्म के प्रति पर्याप्त जानकारी न होने के कारण आज जो लड़कियाँ स्कूल छोड़ देती है, मानसिक प्रताड़ना का शिकार होती है तथा आज भी बेटियों को माता या अपनी शिक्षिका से इस बारे में सही जानकारी प्राप्त नहीं होती इसमे यह प्रशिक्षण अत्यंत प्रभावी होगा। 21 सदी में भी हमारे देश में मासिक धर्म जैसे विषयों पर लोग अपनी चुप्पी नहीं तोड़ते जिससे हमारी बेटियों को इधर-उघर से आधी अधूरी जानकारी प्राप्त होती है यही सदियों से चला आ रहा है। जबकि देखा जाये तो मासिक धर्म के बारे में हर बेटियों को पूरी जानकारी होनी चाहिये तभी वह अपना ध्यान रख सकती हैं और सुरक्षित भी रह सकती हैं। कहीं न कहीं मासिक धर्म की अधूूरी जानकारी होने से यौन अपराध में भी बढ़ोतरी हो रही है अगर हम अपनी बेटियों और बेटों को घर में ही इस विषय की सही जानकारी प्रदान करे तथा उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करे तो उन्हें इस जानकारी हेतु अन्यत्र खोजना नहीं पड़ेगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भारत में महिलाओं के लिये आज भी शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। वर्तमान समय में भारत के कुछ राज्य ऐसे है जहां पर महिलाओं का शिक्षा प्रतिशत उत्कृष्ट है परन्तु कुछ राज्य ऐसे भी है जहां पर महिलाओं के लिये शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत है।
स्वामी जी ने कहा कि अगर नारियां शिक्षित और स्वस्थ होगी तभी स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है। समाज को अगर सशक्त करना है तो महिलाओं को शिक्षित करना जरूरी है। उन्होने नारी शक्ति का आह्वान करते हुये कहा बेटियां किसी से कम नहीं हैं, अपने आप को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनायें और देश की प्रगति में अपना योगदान प्रदान करें।
प्रयागराज कुम्भ मेला के दौरान परमार्थ निकेतन, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के तत्वाधान में, डब्ल्यू. एस. एस. सी. सी. और यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से, महिला और बाल विकास विभाग, उत्तरप्रदेश सरकार के प्रयासों से बाल विवाह को समाप्त करने के लिये ’’शिक्षा को हाँ बाल विवाह को ना’’ हेतु व्यापक स्तर पर हस्ताक्षर अभियान आयोजित किया गया था। इस अभियान को गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल किया गया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और डब्ल्यू. एस. एस. सी. सी. के उच्चाधिकारियों ने विश्व स्तर पर जल की आपूर्ति हेतु वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की।
उत्तर प्रदेश से
सालू खान की रिपोर्ट
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